SEBI ने जारी किया एक्सपायरी दिनों को लेकर एक नया निर्णय, जाने नए नियम

sebi rules for trading: सेबी ने दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों के डेरिवेटिव एक्सपायरी दिनों पर एक नया निर्णय जारी किया है. इस नए नियम से NSE में एक्सपायरी अब मंगलवार को तय होगी और BSE में एक्सपायरी अब गुरुवार को तय होगी. हालांकि अभी तक यह नियम लागू नहीं हुआ है, लेकिन यह नया नियम सितंबर से लागू किया जाएगा. साथ ही 31 अगस्त तक के पुराने कॉन्ट्रैक्ट पहले की तारीख पर ही खत्म किए जाएंगे. सेबीने यह फैसला बाजार को स्पष्ट रखने के लिए लिया है.

कुछ उद्योग जगत लोगों के अनुसार सेबी के इस निर्णय से निवेशकों की एक्सपायरी डे के निर्देश कैसे होगें, यह लंबे समय की उलझन खत्म हो चुकी है. इसके अलावा कुछ लोगों के आनुसार मंगलवार को एनएसई में आवेदन करने पर 2 दिन का अधिक वाॅल्यूम का लाभ मिलता है.

एनएसई के मुख्य व्यवसाय अधिकारी श्रीराम कृष्णन का मत

एनएसई के मुख्य व्यवसाय अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने बताया की सेबी से हमने पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र हित में प्रतिक्रिया मांगी थी. यह एक्सपायरी सोमवार के पक्ष में थी, जिसे सेबी ने स्थगित रखने का अनुरोध किया और मंगलवार का दिन एक्सपायरी के लिए बेहतर ऑप्शन चुना. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पीछले कुछ हफ्तों से एक्सपायरी डे पर 90-95% हिस्सा रह गया है, और अभी दो दिन पहले भी यह हिस्सेदारी इतनी ही देखने को मिलती है.

एक्सिस सेक्युरिटीज के राजेश पालवीय का मत

एक्सिस सेक्युरिटीज के राजेश पालवीय ने बताया की अब निवेशकों को एनएसई के मंगलवार की एक्सपायरी से तीन दिन का निर्णय कालावधी मिलेगा. जिससे एक्सचेंज को बड़ा फायदा मिलेगा. इसके अनुसार अब समय क्षय कम होने के साथ हेजफंड सहित व्यापारी उत्पादो और निफ्टी पर उपलब्ध एल्गो के कारण एनएसई में आवेदन करने में आगे रहेंगे.

नियामक के अनुसार हफ्ते में अलग अलग दिनों में स्टाॅक एक्सचेंज पर एक्सपायरी रखने से भीड भाड और जोखिम कम होने में सहायता मिलेगी. साथ ही निवेशक एक्सचेंजों को विभिन्न प्रोडक्ट दे सकते है. लेकिन एक्सपायरी एक ही समय पर होने से बाजार में हलचल मचा सकती है, जिसका सीधा असर निवेशकों की सुरक्षा पर पड सकता है. इसलिए नियामक ने एक्सचेंजों को 15 जून तक अपने प्रस्ताव भेजने को कहा है.

ICICI सेक्युरीटीज की बात

ICICI सेक्युरीटीज के धर्मेश शाह ने का कहना है कि ब्रोकर अब BSE की तरफ रूख कर रहे है, लेकिन मार्केट में इसकी हिस्सेदारी बढने के अवसर भी चलते रहेंगे.इसके अलावा कुछ लोगों के अनुसार अब सभी को समान अवसर मिलेगा.

अगर बीएसई और एनएसई की बाजार में हिस्सेदारी की बात की जाए तो दिसंबर से एप्रैल तक लगातार छह महीनों की गिरावट को देखने पर एनएसई ने बीएसई से 1% हिस्सेदारी हासिल की है. मई के आखिर में एनएसई की 63.5% और बीएसई की 36.5% हिस्सेदारी देखी गई.

एमसीएक्स के पूर्व सीईओ मृगांक एम परांजपे के आनुसार इस बदलाव से छोटे एक्सचेंजों की वृद्धी पर रोक सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक्सचेंजों को और भी अधिक छूट मिलनी चाहिए.

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